हे बापू

SHARE

हे बापू, इस भारत के तुम, एक मात्र ही नाथ रहे;
जीवन का सर्वस्व इसी को देकर इसके साथ रहे;
तेरे कर्तव्यों से, बापू, भारत चिर स्वाधीन हुआ;
उपकारों का ऋणी, सदा यह तेरे ही अधीन हुआ;
कल्पों में भी कभी उऋण हो, जन-गण-मन साकार करो;
आओ बापू, आओ फिर से हम सबका उद्धार करो।
गाँधी जयंती की शुभ कामनायें!

SHARE